এই সাইটটি বার পঠিত
ভাটিয়ালি | টইপত্তর | বুলবুলভাজা | হরিদাস পাল | খেরোর খাতা | বই
  • টইপত্তর  অন্যান্য

  • Har har Modi, ghar ghar Modi

    3-dots
    অন্যান্য | ০৪ মার্চ ২০১৬ | ৮৪৭ বার পঠিত
  • মতামত দিন
  • বিষয়বস্তু*:
  • ... | 74.233.***.*** | ০৪ মার্চ ২০১৬ ১২:১৪703398
  • मई 2014
    मोदीजी pm बन गए

    रिपोर्ट आई की
    इस बार मोदी को
    एक तरफ़ा वोट मिला

    1) नोजवानों से ,
    खासकर कॉलेज छात्रों से

    2) कमजोर तबकों से,
    खासकर दलितों से

    3) हिन्दू समाज से,
    खासकर मध्यम वर्ग से

    4) गुजराती लोगों से,
    खासकर पटेलों से

    5) मुस्लिम समाज से,
    खासकर गरीब मुस्लिम से

    6) महिलाओं से,
    खासकर धर्मप्रेमी महिलाओं से

    7) व्यापारी वर्ग से,
    ख़ासकर छोटे मझोले वर्ग से

    8) देश के थिंकटैंक से,
    खासकर बुद्धिजीवी वर्ग से

    ऐसे कई कई वर्गों ने अपनी
    पुश्तैनी राजनीतिक निष्ठां को दरकिनार कर मोदी को वोट दिया। कश्मीर से कन्याकुमारी तक यही देखने में आया।
    हर राजनीतिक दल इसे महसूस कर पाया,
    पुरे भारतवर्ष में।

    इसका तोड़ निकाला गया।

    नतीजा आज आपके सामने है।

    हर उस वर्ग को सबसे पहले चिन्हित किया गया जिसने मोदी को एक तरफ़ा वोट दिया। फिर उस वर्ग की
    "दुखती नस" मार्क की गई और खेल शुरू हुआ।

    बेहद सटीक और बारीकी से
    चुन चुन कर इन वर्गों को टारगेट करना शुरू हुआ।
    किरदार लिखे गए और
    हर वर्ग को एक टार्गेटेड किरदार दिया गया।
    उसकी टाईमिंग तय की गई।
    और अपने हाथ में रिमोट रखा प्रमुख विपक्षी दल ने ।

    भांड मीडिया इसमें अहम रोल अदा करने वाला था।

    मकसद इन सबका एक था-
    हर वर्ग को तोडना,
    हर वर्ग को जहर से भरना,
    हर वर्ग को छिन्न भिन्न करकें रखना ,
    ताकि फिर वो भविष्य में,
    कभी एक होकर,
    मोदी को वोट ना दे

    अब आप खुद इस बड़े से खेल को समझिये,
    इनकी परफेक्ट टाइमिंग को
    समझिये,
    इनके वेल प्लेसड किरदारों को देखिये,
    बेहद खूबसूरत स्क्रिप्ट को
    पढ़िए। हर बयान की एक परफेक्ट टाइमिंग
    स्पष्ट रखी दिखेगी।

    1) नोजवानों के लिए
    JNU वाला उमर खालिद किरदार

    2) दलित वर्ग के लिए
    रोहित वेमुला वाला किरदार

    3) हिन्दू वर्ग के लिए
    फ़िल्मी खान वाला किरदार

    4) गुजरती पटेलों के लिए
    हार्दिक पटेल वाला किरदार

    5) मुस्लिमो के लिए
    अख़लाक़ वाला किरदार

    6) महिलाओं के लिए
    शनि शिंगापुनकर वाली किरदार

    7) व्यापारी वर्ग के लिए
    GST वाला किरदार

    8) बुद्धिजीवी वर्ग के लिए
    असहिष्णडू वाला किरदार

    मजे और आश्चर्य की बात यह की इसमें नया कुछ भी नही है। वर्षो से समाज में चली आ रही बुराइयों को ही आधार बनाया गया है।

    सिर्फ मोहरे बदल कर
    नए वो किरदार लाये गए हैं
    जो जवान है
    जोश से भरपूर हैं।

    ये तो बानगी है उन किरदारों
    की अब तक सामने आ गए हैं।

    भविष्य में और भी सामने आएंगे ,
    अपनी परफेक्ट
    स्क्रिप्ट और टाइमिंग के साथ।

    आपको ,
    हमको ,
    हिंदुस्तान,
    को तोड़ने की साजिश के साथ।

    सजग रहिएगा

    होश से काम लीजिएगा

    अपने विवेक को
    मरने न दीजियेगा

    अपनी एकता बनाये रखना

    किसी भी उकसावे में न फँसना

    हम "अनेक" थे
    हम "अनेक" हैं
    हम "अनेक" ही रहेंगे
    अपनी इसी
    "अनेकता में एकता"
    में हमारी ताकत और
    सुनहरा भविष्य निहित है

    हमारी सोच और कल्पना से भी आगे/बड़े ,
    इस गेमप्लान की हवा को,
    सिर्फ हमारी
    शालीन ,गरिमापूर्ण,
    मजबूत एकता से ही निकला जा सकता है।

    धीरज संयम रखकर,

    मोदीजी को आपका और आपके बच्चों का
    सुनहरा भविष्य बनाने का मौका दीजिये
    क्योंकि वे अब तक की हर अग्निपरीक्षा में सफल हुए हैं

    हर ग्रुप में फॉरवर्ड जरूर करें और राष्ट्रभक्ति का परिचय देवें।
  • बेवकूफ | 203.107.***.*** | ০৪ মার্চ ২০১৬ ১২:৩৫703403
  • बेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफबेवकूफ
    बेवकूफ
    बेवकूफ
  • dc | 132.164.***.*** | ০৪ মার্চ ২০১৬ ১২:৫২703404
  • আরে ভাই ইয়ে রোহিত আর কানহাইয়ার সাথে হিন্দুস্থান তোড়নে কা সাজিস কা কেয়া সম্পর্ক? একটু স্পষ্ট করকে বুঝিয়ে বোলনা চাহিয়ে তো!
  • + | 175.246.***.*** | ০৪ মার্চ ২০১৬ ১৩:৪৬703405
  • হিন্দিতে লিখতে হলে আবার গুরুতে কেন! হিন্দী পড়তে বড্ড কষ্ট হয়।
  • b | 24.139.***.*** | ০৪ মার্চ ২০১৬ ১৯:০১703406
  • বহুত শক্ত হ্যায়। মনে হোতা হ্যায় কি ফেসবুক সে কাট কপি পেস্ট।
  • কী চাপ! | 132.177.***.*** | ০৪ মার্চ ২০১৬ ১৯:২৮703407
  • লজিক না পেয়ে শেষে এই ট্রোলিং? জমছে না বস।
  • b | 24.139.***.*** | ০৪ মার্চ ২০১৬ ১৯:৪৬703408
  • তাও আবার হিন্দিতে। বাংলায় লিখলে তাও বুঝতুম।
  • अगर | 132.177.***.*** | ০৪ মার্চ ২০১৬ ১৯:৫৫703409
  • हिंदी में ही लिखना है तो कुछ अपनि बात भी लिखो। इधर उधर से कॉपी करके क्या साबिद करना चाहते हो?
  • sosen | 177.96.***.*** | ০৪ মার্চ ২০১৬ ২১:১২703410
  • সে' দি কে ডাকো তো এক্টু রাশিয়ানে উত্তর দিয়ে দিন। আর ফোজ্জি ফ্রেন্চ।
  • Blank | 24.96.***.*** | ০৪ মার্চ ২০১৬ ২১:২০703399
  • কিন্তু হড়হড়ে মোদী মান কি !! কেমন পানু পানু কথা।
  • হে হে | 132.177.***.*** | ০৪ মার্চ ২০১৬ ২১:৩১703400
  • ওটা অরহড় মোদী। অরহড় ডালের খুব দাম বেড়েছে না, তাই মোদীর নাম নিয়ে লোকে খায় আর আচ্ছে দিনের স্বপ্ন দ্যাখে।
  • | ০৪ মার্চ ২০১৬ ২২:০৫703401
  • ধুর এইটা তো চোর। নিজের এক লাইনও বাংলা লেখার ক্ষ্যামতা নাই। ফেসবুক থেকে যা হাবড় গাবড় পায় সেগুলো কোটেশান মার্ক, সৌজন্যস্বীকার ছাড়াই কপি মেরে দেয়। এর আগেও তো ফেসবুক থেকে একজনের বাংলা হরফে লেখা ডাস্টবিন কপি মেরে দিয়েছিল।
  • Div0 | 132.167.***.*** | ০৫ মার্চ ২০১৬ ০০:০০703402
  • এনাকে আর কীই বা দিতে পারি... ... ... ... আপাততঃ রভিশ কুমারের উক্তিটিই থাকুক (যদি ... বুঝতে পারেন):

    "हम क्या माँगते, आज़ादी
    संसद में बैठे दागी सांसदों से आज़ादी,
    संसद में बैठे छात्र विरोधी नेताओं से आज़ादी
    येल डिग्री से,आजादी
    फोटोशॉप से,आजादी
    गुजरात मॉडल से,आजादी
    अंधभक्तों से,आजादी
    छी न्यूज़ से,आजादी
    हम लेके रहेंगे,आजादी

    #FreedomInIndia"
  • মতামত দিন
  • বিষয়বস্তু*:
  • কি, কেন, ইত্যাদি
  • বাজার অর্থনীতির ধরাবাঁধা খাদ্য-খাদক সম্পর্কের বাইরে বেরিয়ে এসে এমন এক আস্তানা বানাব আমরা, যেখানে ক্রমশ: মুছে যাবে লেখক ও পাঠকের বিস্তীর্ণ ব্যবধান। পাঠকই লেখক হবে, মিডিয়ার জগতে থাকবেনা কোন ব্যকরণশিক্ষক, ক্লাসরুমে থাকবেনা মিডিয়ার মাস্টারমশাইয়ের জন্য কোন বিশেষ প্ল্যাটফর্ম। এসব আদৌ হবে কিনা, গুরুচণ্ডালি টিকবে কিনা, সে পরের কথা, কিন্তু দু পা ফেলে দেখতে দোষ কী? ... আরও ...
  • আমাদের কথা
  • আপনি কি কম্পিউটার স্যাভি? সারাদিন মেশিনের সামনে বসে থেকে আপনার ঘাড়ে পিঠে কি স্পন্ডেলাইটিস আর চোখে পুরু অ্যান্টিগ্লেয়ার হাইপাওয়ার চশমা? এন্টার মেরে মেরে ডান হাতের কড়ি আঙুলে কি কড়া পড়ে গেছে? আপনি কি অন্তর্জালের গোলকধাঁধায় পথ হারাইয়াছেন? সাইট থেকে সাইটান্তরে বাঁদরলাফ দিয়ে দিয়ে আপনি কি ক্লান্ত? বিরাট অঙ্কের টেলিফোন বিল কি জীবন থেকে সব সুখ কেড়ে নিচ্ছে? আপনার দুশ্‌চিন্তার দিন শেষ হল। ... আরও ...
  • বুলবুলভাজা
  • এ হল ক্ষমতাহীনের মিডিয়া। গাঁয়ে মানেনা আপনি মোড়ল যখন নিজের ঢাক নিজে পেটায়, তখন তাকেই বলে হরিদাস পালের বুলবুলভাজা। পড়তে থাকুন রোজরোজ। দু-পয়সা দিতে পারেন আপনিও, কারণ ক্ষমতাহীন মানেই অক্ষম নয়। বুলবুলভাজায় বাছাই করা সম্পাদিত লেখা প্রকাশিত হয়। এখানে লেখা দিতে হলে লেখাটি ইমেইল করুন, বা, গুরুচন্ডা৯ ব্লগ (হরিদাস পাল) বা অন্য কোথাও লেখা থাকলে সেই ওয়েব ঠিকানা পাঠান (ইমেইল ঠিকানা পাতার নীচে আছে), অনুমোদিত এবং সম্পাদিত হলে লেখা এখানে প্রকাশিত হবে। ... আরও ...
  • হরিদাস পালেরা
  • এটি একটি খোলা পাতা, যাকে আমরা ব্লগ বলে থাকি। গুরুচন্ডালির সম্পাদকমন্ডলীর হস্তক্ষেপ ছাড়াই, স্বীকৃত ব্যবহারকারীরা এখানে নিজের লেখা লিখতে পারেন। সেটি গুরুচন্ডালি সাইটে দেখা যাবে। খুলে ফেলুন আপনার নিজের বাংলা ব্লগ, হয়ে উঠুন একমেবাদ্বিতীয়ম হরিদাস পাল, এ সুযোগ পাবেন না আর, দেখে যান নিজের চোখে...... আরও ...
  • টইপত্তর
  • নতুন কোনো বই পড়ছেন? সদ্য দেখা কোনো সিনেমা নিয়ে আলোচনার জায়গা খুঁজছেন? নতুন কোনো অ্যালবাম কানে লেগে আছে এখনও? সবাইকে জানান। এখনই। ভালো লাগলে হাত খুলে প্রশংসা করুন। খারাপ লাগলে চুটিয়ে গাল দিন। জ্ঞানের কথা বলার হলে গুরুগম্ভীর প্রবন্ধ ফাঁদুন। হাসুন কাঁদুন তক্কো করুন। স্রেফ এই কারণেই এই সাইটে আছে আমাদের বিভাগ টইপত্তর। ... আরও ...
  • ভাটিয়া৯
  • যে যা খুশি লিখবেন৷ লিখবেন এবং পোস্ট করবেন৷ তৎক্ষণাৎ তা উঠে যাবে এই পাতায়৷ এখানে এডিটিং এর রক্তচক্ষু নেই, সেন্সরশিপের ঝামেলা নেই৷ এখানে কোনো ভান নেই, সাজিয়ে গুছিয়ে লেখা তৈরি করার কোনো ঝকমারি নেই৷ সাজানো বাগান নয়, আসুন তৈরি করি ফুল ফল ও বুনো আগাছায় ভরে থাকা এক নিজস্ব চারণভূমি৷ আসুন, গড়ে তুলি এক আড়ালহীন কমিউনিটি ... আরও ...
গুরুচণ্ডা৯-র সম্পাদিত বিভাগের যে কোনো লেখা অথবা লেখার অংশবিশেষ অন্যত্র প্রকাশ করার আগে গুরুচণ্ডা৯-র লিখিত অনুমতি নেওয়া আবশ্যক। অসম্পাদিত বিভাগের লেখা প্রকাশের সময় গুরুতে প্রকাশের উল্লেখ আমরা পারস্পরিক সৌজন্যের প্রকাশ হিসেবে অনুরোধ করি। যোগাযোগ করুন, লেখা পাঠান এই ঠিকানায় : guruchandali@gmail.com ।


মে ১৩, ২০১৪ থেকে সাইটটি বার পঠিত
পড়েই ক্ষান্ত দেবেন না। ভালবেসে মতামত দিন